खुद पारस बनकर थे हमको, स्वर्ण बनाते बाबू जी । खुद पारस बनकर थे हमको, स्वर्ण बनाते बाबू जी ।
करके नवरात्रि में कन्या पूजन हाथ छुड़ा लेते हो बाबूजी! करके नवरात्रि में कन्या पूजन हाथ छुड़ा लेते हो बाबूजी!
इसी ज्ञान की नींव पर, रिश्तों का महल खड़ा होता था, और चारों तरफ, प्यार का रंग बिखरा पड़ा होता था.. इसी ज्ञान की नींव पर, रिश्तों का महल खड़ा होता था, और चारों तरफ, प्यार का रंग...
एक वोट की कीमत जानना चाहते हो तो चंद वोटों से हार चुके नेता से पूछो बाबू।। एक वोट की कीमत जानना चाहते हो तो चंद वोटों से हार चुके नेता से पूछो बाबू।।
बाबू ताके टूक-टूक, मुँह में गया घूँट-घूँट। बाबू ताके टूक-टूक, मुँह में गया घूँट-घूँट।
मेरे घर का आंगन मां हैं और घर का द्वार हैं बाबूजी। मेरे घर का आंगन मां हैं और घर का द्वार हैं बाबूजी।